सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

When we should drink hot water and why?। गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिएBy Vnita kasnia Punjabगर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए?गर्म पानी पीने से वेट कम होता है गर्म पानी पीने से पेट साफ होता है ऐसी बातें आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि ये ज्यादा गर्म पानी से आपकी बॉडी के इंटरनल पार्ट डैमेज हो सकते हैं।गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुनाWhen we should drink hot water and why?पानी को गर्म करने से उसके मिनरल्स खत्म हो जाते हैं। पानी से पोटेशियम उड़ जाता है। इसलिए ये हार्मफुल होता है। इसके साथ ही अगर ये पानी लोहे के नल से निकल कर आ रहा है तो इसमें लैड मिल जाता है जो कि पेट में जाकर बहुत नुकसान करता है। सोलर सिस्टम और वाटरकूलर से आने वाला गर्म पानी बेहद नुकसानदायक हो सकता है।गर्म पानी को तभी पिया जा सकता है जब ये गंदाा न हो लेकिन इसके लिए भी इसे पहले फिटकरी से साफ करें फिर उबाल कर ठंडा करके पिएं। अगर इसको मटके में डालकर पीते हैं तो इसको न्यूट्रिशन वापस मिल जाएंगे। क्योंकि मटका पानी को पोषण देता है। ग्रीन टी पी जा सकती है।आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी पीना नुकसानदायक है। लोग चाहे तो गुनगुना पानी पी सकते हैं।गर्म- गुनगुना पानी पीने में भले ही अच्‍छा न लगे लेकिन इसके फायदे आपको गुनगुना पानी पीने पर मजबूर कर देंगे।यूं तो 8 से 10 ग्‍लास पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन अगर दिन में तीन बार गर्म - गुनगुना पानी पीने की आदत शरीर को कई बीमारियों से आसानी से बचा सकती हैहृदय की संरचना और कार्यगर्म पानी के फायदेनहाने के नियमकर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं गुनगुने पानी के हैं कई फायदे1. वजन कम करने में सहायक है गुनगुना पानीअगर आपका वेट लगातार बढ़ रहा है और आपकी लाख कोशिशों के बावजूद भी कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप गर्म- गुनगुने पानी में शहद और नीबू मिलाकर लगातार तीन महीने तक पिएं,आपको फर्क जरूर महसूस होगा।अगर आप ये हेल्‍दी ड्रिंक नहीं पीना चाहते हैं तो आप खाना खाने के बाद एक कप हल्का गर्म पानी पीना शुरू करें।2.पाचन क्रिया में सहायक गर्म- गुनगुना पानी -गुनगुना पानी पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है। एक रिसर्च कहती है कि खाना खाने के बाद अगर आप ठंडा पानी पीते हैं तो ये आपके खाये गए खाने में मौजूद तेल को ठोस कर देता है। इससे आपकी आंत की इनर वाल (inner wall) में वसा जमा होती रहती है जिसकी वजह से आंत के कैंसर की समस्या शुरू हो जाती है। हालाँकि अगर आप हल्का गर्म पानी पीते हैं तो आपको ये समस्या कभी नहीं होगी और आपकी पाचन क्रिया भी स्वस्थ रहेगी।3.बॉडी करे डिटॉक्‍सगर्म- गुनगुना पानी पीने से बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद मिलती है और यह शरीर की सारी अशुद्धियां को बहुत आसानी से साफ कर देता है. गुनगुना पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ने लग जाता है, जिससे पसीना आता है और इसके माध्यम से शरीर की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।4.बुढ़ापा रोकने की दवा है गुनगुना पानी -सबसे पहले रोज़ाना गुनगुना पानी पीने से आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोक सकते हैं और अपनी त्वचा को फिर से जवान बना सकते हैं। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और त्वचा के उत्तकों को ठीक करता है जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स से प्रभावित होते हैं। गुनगुना पानी पीने से आपकी त्वचा की लचीलता बढ़ती है। इसे परिणामस्वरूप आपकी खराब हुई त्वचा टोंड, रिंकल मुक्त और सुंदर दिखने लगती है।5.बालों में प्राकृतिक निखार लाता है -गुनगुना पानी पीने से आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद मिलती है। ये आपके बालों की जड़ों को फिर से मजबूत बनाता है और उन्हें सक्रीय करने में मदद करता है।गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुनाvnitakasniapunjab05114@gmail.com इससे आपके बालों में फिर से प्राकृतिक निखार वापस आने लगता है और आपके बाल स्वस्थ बनने लगते हैं।तो उठिये और अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी के साथ करना शुरू कर दीजिये।

When we should drink hot water and why?।  गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए

By Vnita kasnia Punjab

गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए?

गर्म पानी पीने से वेट कम होता है गर्म पानी पीने से पेट साफ होता है ऐसी बातें आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि ये ज्यादा गर्म पानी से आपकी बॉडी के इंटरनल पार्ट डैमेज हो सकते हैं।
गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुना
When we should drink hot water and why?


पानी को गर्म करने से उसके मिनरल्स खत्म हो जाते हैं। पानी से पोटेशियम उड़ जाता है। इसलिए ये हार्मफुल होता है। इसके साथ ही अगर ये पानी लोहे के नल से निकल कर आ रहा है तो इसमें लैड मिल जाता है जो कि पेट में जाकर बहुत नुकसान करता है। 

सोलर सिस्टम और वाटरकूलर से आने वाला गर्म पानी बेहद नुकसानदायक हो सकता है।

गर्म पानी को तभी पिया जा सकता है जब ये गंदाा न  हो लेकिन इसके लिए भी इसे पहले फिटकरी से साफ करें फिर उबाल कर ठंडा करके पिएं।

 अगर इसको मटके में डालकर पीते हैं तो इसको न्यूट्रिशन वापस मिल जाएंगे। क्योंकि मटका पानी को पोषण देता है। ग्रीन टी पी जा सकती है।

आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी पीना नुकसानदायक है। लोग चाहे तो गुनगुना पानी पी सकते हैं।

गर्म- गुनगुना पानी पीने में भले ही अच्‍छा न लगे लेकिन इसके फायदे आपको गुनगुना पानी पीने पर मजबूर कर देंगे।

यूं तो 8 से 10 ग्‍लास पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन अगर दिन में तीन बार गर्म - गुनगुना पानी पीने की आदत शरीर को कई  बीमारियों से आसानी से बचा सकती है

कर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं गुनगुने पानी के हैं कई फायदे

1. वजन कम करने में सहायक है गुनगुना पानी

अगर आपका वेट लगातार बढ़ रहा है और आपकी लाख कोशिशों के बावजूद भी कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप गर्म- गुनगुने पानी में शहद और नीबू मिलाकर लगातार तीन महीने तक पिएं

,आपको फर्क जरूर महसूस होगा।अगर आप ये हेल्‍दी ड्रिंक नहीं पीना चाहते हैं तो आप खाना खाने के बाद एक कप हल्का गर्म पानी पीना शुरू करें।

2.पाचन क्रिया में सहायक गर्म- गुनगुना पानी -

गुनगुना  पानी पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है। एक रिसर्च कहती है कि खाना खाने के बाद अगर आप ठंडा पानी पीते हैं तो ये आपके खाये गए खाने में मौजूद तेल को ठोस कर देता है।
 इससे आपकी आंत की इनर वाल (inner wall) में वसा जमा होती रहती है जिसकी वजह से आंत के कैंसर की समस्या शुरू हो जाती है। 

हालाँकि अगर आप हल्का गर्म पानी पीते हैं तो आपको ये समस्या कभी नहीं होगी और आपकी पाचन क्रिया भी स्वस्थ रहेगी।

3.बॉडी करे डिटॉक्‍स

गर्म- गुनगुना पानी पीने से बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद मिलती है और यह शरीर की सारी अशुद्धियां को बहुत आसानी से साफ कर देता है. गुनगुना पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ने लग जाता है, जिससे पसीना आता है और इसके माध्यम से शरीर की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।

4.बुढ़ापा रोकने की दवा है  गुनगुना पानी -
सबसे पहले रोज़ाना गुनगुना पानी पीने से आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोक सकते हैं और अपनी त्वचा को फिर से जवान बना सकते हैं।

 ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और त्वचा के उत्तकों को ठीक करता है जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स से प्रभावित होते हैं। 

गुनगुना पानी पीने से आपकी त्वचा की लचीलता बढ़ती है। इसे परिणामस्वरूप आपकी खराब हुई त्वचा टोंड, रिंकल मुक्त और सुंदर दिखने लगती है।

5.बालों में प्राकृतिक निखार लाता है -

गुनगुना पानी पीने से आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद मिलती है। ये आपके बालों की जड़ों को फिर से मजबूत बनाता है और उन्हें सक्रीय करने में मदद करता है।
गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुना
vnitakasniapunjab05114@gmail.com


 इससे आपके बालों में फिर से प्राकृतिक निखार वापस आने लगता है और आपके बाल स्वस्थ बनने लगते हैं।
तो उठिये और अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी के साथ करना शुरू कर दीजिये।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पीपल के अलावा कौन-कौन से वृक्ष रात को ऑक्सीजन छोड़ते हैं? By वनिता कासनियां से ऑक्सीजन हमारे लिए बहुत जरूरी है, स्वच्छ वातावरण के लिए अक्सर लोग घर के आंगन नें पेड़ पौधे लगाते हैं। हम लोग यह जानते हैं कि दिन में इनकेे आसपास रहना अच्छा होते है क्योंकि यह ऑक्सीजन छोड़ते और इंसानों के द्वारा छोडी गई कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करते हैं। जिससे हम आसानी से सांस ले पाते हैं लेकिन रात को यही पौधे कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। रात को भी घर के आसपास वातावरण को शुद्ध रखना चाहते हैं तो ऐसे पौधे लगा सकते है जो रात के समय भी ऑक्सीजन छोड़ते हैं। (चलिए हम इन्हें बिस्तर से जान लेते हैं।) ये 8 पौधों जो रात को भी देते हैं ऑक्सीजन:- 1. Elovera:- ब्यूटी और सेहत के साथ-साथ एलोवीरा वातावरण को भी शुद्ध रखता है। यह रात के समय ऑक्सीजन छोड़ता है। 2. Snake Plant:- यह पौधा गॉर्डन की खूबसूरती को बढाता है। ये हवा को शुद्ध रखने का काम करता है। 3. Neem Tree:- यह स्वाद में चाहे कड़वा होता है लेकिन कीडे-मकौडों को दूर करने का भी काम करता है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। 4. Tulsi:- तुलसी बहुत अच्छा हर्ब है। सेहत के अलावा वातावरण के लिए भी बैस्ट है। 5. Peepal Tree:- सेहत और वातावरण के लिए यह बैस्ट है। 6. Orchids:- फूलों से घर के आंगन को सजाना चाहते हैं और साथ ही हवा को भी स्वच्छ बनाए रखने के लिए घर में लगाएं यह पौधा। 7. Orange Gerbera:- घर को खुशनुमा बनाने के लिए ऑरेंज गेर्बेरा का पौधा लगाएं। 8. Christmas Cactus:- यह पौधा रात के समय ऑक्सीजन छोड़ने का काम करता है।

  पीपल के अलावा कौन-कौन से वृक्ष रात को ऑक्सीजन छोड़ते हैं? By वनिता कासनियां से ऑक्सीजन हमारे लिए बहुत जरूरी है, स्वच्छ वातावरण के लिए अक्सर लोग घर के आंगन नें पेड़ पौधे लगाते हैं। हम लोग यह जानते हैं कि दिन में इनकेे आसपास रहना अच्छा होते है क्योंकि यह ऑक्सीजन छोड़ते और इंसानों के द्वारा छोडी गई कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करते हैं। जिससे हम आसानी से सांस ले पाते हैं लेकिन रात को यही पौधे कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। रात को भी घर के आसपास वातावरण को शुद्ध रखना चाहते हैं तो ऐसे पौधे लगा सकते है जो रात के समय भी ऑक्सीजन छोड़ते हैं। (चलिए हम इन्हें बिस्तर से जान लेते हैं।) ये 8 पौधों जो रात को भी देते हैं ऑक्सीजन:- 1. Elovera:- ब्यूटी और सेहत के साथ-साथ एलोवीरा वातावरण को भी शुद्ध रखता है। यह रात के समय ऑक्सीजन छोड़ता है। 2. Snake Plant:- यह पौधा गॉर्डन की खूबसूरती को बढाता है। ये हवा को शुद्ध रखने का काम करता है। 3. Neem Tree:- यह स्वाद में चाहे कड़वा होता है लेकिन कीडे-मकौडों को दूर करने का भी काम करता है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। 4. Tulsi:- तुलसी बहुत अच्छ...

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खेक्या पेनिस कैंसर भी होता है?हाँ ।लिंग कैंसर के लक्षणनीचे दिए गए संकेत और लक्षण हमेशा मतलब नहीं है कि एक आदमी को शिश्न कैंसर है। वास्तव में, कई अन्य स्थितियों के कारण होने की संभावना है। फिर भी, यदि आपके पास उनमें से कोई भी है, तो तुरंत एक डॉक्टर को देखें ताकि जरूरत पड़ने पर उनका कारण खोजा जा सके और इलाज किया जा सके। जितनी जल्दी एक निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी आप उपचार शुरू कर सकते हैं और बेहतर यह काम करने की संभावना है।त्वचा में बदलावशिश्न कैंसर का पहला संकेत सबसे अधिक बार लिंग की त्वचा में बदलाव होता है। यह सबसे अधिक संभावना है कि लिंग के अग्र भाग (नोक) पर या अग्रभाग (अनियंत्रित पुरुषों में) होता है, लेकिन यह शाफ्ट पर भी हो सकता है। इन परिवर्तनों में शामिल हो सकते हैं:त्वचा का एक क्षेत्र मोटा होनात्वचा के रंग में परिवर्तनएक गांठएक अल्सर (घाव) जो खून बह सकता हैचमड़ी के नीचे एक लाल, मखमली दानेछोटे, crusty धक्कोंसपाट, नीले-भूरे रंग के विकासचमड़ी के नीचे बदबूदार स्त्राव (द्रव) या रक्तस्रावपेनिल कैंसर से घाव या गांठ आमतौर पर चोट नहीं करते हैं, लेकिन वे हो सकते हैं। आपको एक डॉक्टर को देखना चाहिए कि क्या आपको अपने लिंग पर किसी प्रकार की नई वृद्धि या अन्य असामान्यता मिलती है, भले ही यह दर्दनाक न हो। कोई भी परिवर्तन जो लगभग 4 सप्ताह में बेहतर नहीं होता है, या खराब हो जाता है, एक डॉक्टर द्वारा जांच की जानी चाहिए।सूजनलिंग के अंत में सूजन, खासकर जब चमड़ी संकुचित होती है, शिश्न कैंसर का एक और संभावित संकेत है। चमड़ी को वापस खींचना कठिन हो सकता है।कमर के क्षेत्र में त्वचा के नीचे गांठयदि कैंसर लिंग से फैलता है, तो यह अक्सर सबसे पहले ग्रोइन में लिम्फ नोड्स की यात्रा करता है। यह उन लिम्फ नोड्स को प्रफुल्लित कर सकता है। लिम्फ नोड्स प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं का संग्रह हैं। आम तौर पर, वे सेम-आकार के होते हैं और मुश्किल से सभी पर महसूस किए जा सकते हैं। यदि वे सूज गए हैं, तो लिम्फ नोड्स त्वचा के नीचे चिकनी गांठ की तरह महसूस कर सकते हैं।लेकिन सूजन लिम्फ नोड्स हमेशा मतलब नहीं है कि कैंसर वहाँ फैल गया है। आमतौर पर, एक संक्रमण के जवाब में लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं। शिश्न के कैंसर में और उसके आस-पास की त्वचा अक्सर संक्रमित हो सकती है, जिससे आसपास के लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं, भले ही कैंसर उन तक नहीं पहुंचा हो।पेनाइल कैंसर के लिए टेस्टयदि आपको पेनाइल कैंसर के संभावित लक्षण हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। एक शारीरिक परीक्षा होगी और आपको यह पता लगाने के लिए कुछ परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है कि आपके लक्षण क्या हैं।मेडिकल इतिहास और शारीरिक परीक्षाडॉक्टर आपसे आपके मेडिकल इतिहास और आपके लक्षणों के विवरण के बारे में बात करेंगे, जैसे कि वे कब शुरू हुए और अगर वे बदल गए हैं। आप किसी भी संभावित जोखिम कारकों पर चर्चा करेंगे।डॉक्टर पेनाइल कैंसर या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के संभावित संकेतों के लिए आपके जननांग क्षेत्र को भी ध्यान से देखेंगे। शिश्न के घाव (घाव) आमतौर पर लिंग पर त्वचा को प्रभावित करते हैं, इसलिए एक डॉक्टर अक्सर लिंग को करीब से देखकर कैंसर और अन्य समस्याओं का पता लगा सकता है। डॉक्टर आपके ग्रोइन में लिम्फ नोड्स को देखने और महसूस करने के लिए देख सकते हैं कि क्या वे सूजे हुए हैं।यदि लक्षण और / या परीक्षा से पता चलता है कि आपको पेनाइल कैंसर हो सकता है, तो अन्य परीक्षणों की आवश्यकता होगी। इनमें बायोप्सी और इमेजिंग परीक्षण शामिल हो सकते हैं।बायोप्सीएक बायोप्सी यह जानने का एकमात्र निश्चित तरीका है कि क्या परिवर्तन शिश्न कैंसर है। ऐसा करने के लिए, ऊतक का एक छोटा सा टुकड़ा बदल क्षेत्र से लिया जाता है और एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। वहाँ, यह देखने के लिए एक माइक्रोस्कोप के साथ देखा जाता है कि इसमें कैंसर कोशिकाएं हैं या नहीं। परिणाम आमतौर पर कुछ दिनों में उपलब्ध होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में अधिक समय लग सकता है।कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी)एक सीटी स्कैन आपके शरीर की विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल छवियों को बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है। यह दिखा सकता है कि ट्यूमर कितना बड़ा है और यह भी देखने में मदद कर सकता है कि कैंसर लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में फैल गया है या नहीं।सीटी-निर्देशित सुई बायोप्सी: सीटी स्कैन का उपयोग बायोप्सी सुई को एक बढ़े हुए लिम्फ नोड या अन्य क्षेत्र में कैंसर फैलाने के लिए किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए, आप सीटी टेबल पर रहते हैं, जबकि एक डॉक्टर आपकी त्वचा के माध्यम से और द्रव्यमान की ओर एक बायोप्सी सुई ले जाता है। सीटी स्कैन दोहराया जाता है जब तक सुई द्रव्यमान के अंदर नहीं होती है। एक बायोप्सी नमूना फिर निकाल दिया जाता है और एक माइक्रोस्कोप के तहत जाँच के लिए भेजा जाता है।चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI)सीटी स्कैन की तरह, एमआरआई शरीर में नरम ऊतकों की विस्तृत छवियां दिखाते हैं। लेकिन एमआरआई स्कैन एक्स-रे के बजाय रेडियो तरंगों और मजबूत मैग्नेट का उपयोग करते हैं।यदि लिंग खड़ा है तो MRI चित्र बेहतर हैं। डॉक्टर इसे बनाने के लिए लिंग में प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हार्मोन जैसा पदार्थ इंजेक्ट कर सकते हैं।अल्ट्रासाउंडआंतरिक अंगों या द्रव्यमान के चित्र बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह पता लगाना उपयोगी हो सकता है कि लिंग में कैंसर कितनी गहराई से फैला है। यह ग्रोइन में बढ़े हुए लिम्फ नोड्स को खोजने में भी मदद कर सकता है।यह परीक्षण दर्द रहित होता है और आपको विकिरण के संपर्क में नहीं लाता है। अधिकांश अल्ट्रासाउंड परीक्षाओं के लिए, त्वचा को पहले जेल के साथ चिकनाई की जाती है। फिर एक तकनीशियन लिंग की त्वचा के ऊपर ट्रांसड्यूसर ले जाता है।छाती का एक्स - रेपेनाइल कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?पेनाइल कैंसर वाले अधिकांश पुरुषों के लिए सर्जरी मुख्य उपचार है, लेकिन कभी-कभी विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है, या तो सर्जरी के अलावा या इसके अलावा। प्रारंभिक चरण के ट्यूमर के लिए अन्य स्थानीय उपचारों का भी उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी कुछ बड़े ट्यूमर के लिए दी जा सकती है या यदि कैंसर फैल गया है।सामान्य उपचार दृष्टिकोणआपकी कैंसर देखभाल टीम का लक्ष्य आपके लिंग को कैसे दिखता है और काम करता है, इस पर उपचार के प्रभावों को सीमित करते हुए कैंसर का इलाज करना है।यदि कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता है, तो लक्ष्य जितना संभव हो उतना कैंसर को हटाने या नष्ट करना हो सकता है और ट्यूमर को अधिक से अधिक फैलने, फैलने या लौटने से रोक सकता है। कभी-कभी उपचार लक्षणों को दूर करने के उद्देश्य से होता है, जैसे कि दर्द या रक्तस्राव, भले ही आप ठीक न हों।पेनाइल कैंसर का इलाज कौन करता है?आपके उपचार विकल्पों के आधार पर, आपकी उपचार टीम में विभिन्न प्रकार के डॉक्टर हो सकते हैं। इन डॉक्टरों में शामिल हो सकते हैं:एक मूत्र रोग विशेषज्ञ: एक सर्जन जो पुरुष जननांगों और मूत्र पथ के रोगों में माहिर हैएक विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट: एक डॉक्टर जो कैंसर के इलाज के लिए विकिरण का उपयोग करता हैएक चिकित्सा ऑन्कोलॉजिस्ट: एक डॉक्टर जो कैंसर का इलाज करने के लिए कीमोथेरेपी और अन्य दवाओं का उपयोग करता हैइलाज बंद करना या बिना किसी उपचार के चुननाकुछ लोगों के लिए, जब उपचार की कोशिश की गई है और अब कैंसर को नियंत्रित नहीं कर रहे हैं, तो यह उन उपचारों को आजमाने के लिए लाभ और जोखिमों को तौलने का समय हो सकता है। आप उपचार जारी रखते हैं या नहीं, फिर भी कुछ चीजें हैं जो आप अपने जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने या बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।कुछ लोग, विशेष रूप से अगर कैंसर उन्नत है, तो शायद बिल्कुल भी इलाज न करना पड़े। ऐसे कई कारण हैं जिनसे आप कैंसर का इलाज नहीं करवा सकते, लेकिन अपने डॉक्टरों से बात करना महत्वपूर्ण है और आप यह निर्णय लेते हैं। याद रखें कि भले ही आप कैंसर का इलाज नहीं करना चाहते हैं, फिर भी आप दर्द या अन्य लक्षणों की मदद के लिए सहायक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।मैं आशा करती हूँ की आप जवाब से सहमत होंगे।

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे क्या पेनिस कैंसर भी होता है? हाँ । लिंग कैंसर के लक्षण नीचे दिए गए संकेत और लक्षण हमेशा मतलब नहीं है कि एक आदमी को शिश्न कैंसर है। वास्तव में, कई अन्य स्थितियों के कारण होने की संभावना है। फिर भी, यदि आपके पास उनमें से कोई भी है, तो तुरंत एक डॉक्टर को देखें ताकि जरूरत पड़ने पर उनका कारण खोजा जा सके और इलाज किया जा सके। जितनी जल्दी एक निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी आप उपचार शुरू कर सकते हैं और बेहतर यह काम करने की संभावना है। त्वचा में बदलाव शिश्न कैंसर का पहला संकेत सबसे अधिक बार लिंग की त्वचा में बदलाव होता है। यह सबसे अधिक संभावना है कि लिंग के अग्र भाग (नोक) पर या अग्रभाग (अनियंत्रित पुरुषों में) होता है, लेकिन यह शाफ्ट पर भी हो सकता है। इन परिवर्तनों में शामिल हो सकते हैं: त्वचा का एक क्षेत्र मोटा होना त्वचा के रंग में परिवर्तन एक गांठ एक अल्सर (घाव) जो खून बह सकता है चमड़ी के नीचे एक लाल, मखमली दाने छोटे, crusty धक्कों सपाट, नीले-भूरे रंग के विकास चमड़ी के नीचे बदबूदार स्त्राव (द्रव) या रक्तस्राव पेनिल कैंसर से घाव या गांठ आमतौर पर चोट नहीं करते हैं, लेकि...

What are the early symptoms of throat cancer?By Vanitha Kasniya PunjabThroat cancer: - On hearing the name cancer, a person wakes up with shivering, cancer is a very deadly disease, and its

गले का कैंसर होने पर शुरुआती तौर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब गले का कैंसर  :- कैंसर नाम सुनते ही आदमी के शरीर मे कंपकपी से उठते है,कैंसर बहुत ही जानलेवा बीमारी है, और इसका कोई इलाज नही सिवाय मृत्यु के, ऐसे लोग समझते है ,लेकिन ये पूरा सच नही है। कैंसर किसी भी व्यक्ति को हो सकते है, इसके सुरूवात में अगर आपको लक्षण मिल जाये तो इसका इलाज कुछ हद तक संभव है, जिस भी व्यक्ति को ये हो जाता है वह जीने की उम्मीद ही छोड़ देता हैं। और कई लोग तो ऐसे समझने लगते है कि जितने दिन जी रहे है उतना दिन ही बहेतर है। इसमे हम कुछ गले का कैंसर के बारे में बता रहे हैं जिससे आप जान पाएंगे, जो निम्न है:- इस प्रकार के कैंसर अरम्भ में कोई लक्षण में सर्वाधिक रूप पाया जाता है, बाद में गले में एक विशेष प्रकार के कष्ट की अनुभूति होने लगती है। उसे गले में कांटा चुभने का सा दर्द होता है, उसके बाद ही गले में खच खच पीड़ा उत्पन्न होती है। आँख में कष्ट का बोध होता है, और धीरे-धीरे सख्त पदार्थ आना संभव हो जाता है। गले में फोड़े के समान कष्ट प्रतीत होने लगता है, निगलने में कष्ट होने लगता है गग्रसिन ...