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क्या आप किसी भी विषय पर कुछ रोचक लिख सकते हैं?By वनिता कासनियां पंजाब,एशिया महाद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती है हालांकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा निर्धारित नहीं है।महाद्वीप दो शब्दों के मेल से बना है एक है महा और दुसरा है द्वीप। महा का अर्थ है महान या बड़ा और द्वीप का अर्थ है ऐसा भूखंड जो चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ हो।ऐसे कई महाद्वीप धरती पर पाए जाते हैं, इन महाद्वीपो की संख्या के बारे में बहुत मतभेद हैं। लेकिन मुख्य रुप से सात महाद्वीप माने जाते हैं।ये महाद्वीप है एशिया, अफ्रिका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अंटार्टिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया।एशिया धरती का सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसकी धरती उत्तर में उत्तरी ध्रुव महासागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है।इस महाद्वीप की खास बात यह है कि दुनिया के लगभग सभी धर्मों — हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, यहूदी, ताओ, जैन आदि ने एशिया की धरती पर ही जन्म लिया है।एशिया हिब्रू भाषा के आंसू शब्द से है जिसका शाब्दिक अर्थ उदित सूर्य से है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि दुनिया में सबसे पहले सूर्य एशिया में ही उदय होता है इसके बाद ही पूरा विश्व इसकी रोशनी से प्रकाशित होता है।एशिया महाद्वीप में कुल पचास देश हैं। इन सभी धर्मों की खासबात यह है कि यहां हर धर्म के सभी लोग रहते हैं और अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं। जो कि एशिया को एक विशेष महाद्वीप बनाती है।

क्या आप किसी भी विषय पर कुछ रोचक लिख सकते हैं?
By वनिता कासनियां पंजाब,

एशिया महाद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।


पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती है हालांकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा निर्धारित नहीं है।
महाद्वीप दो शब्दों के मेल से बना है एक है महा और दुसरा है द्वीप। महा का अर्थ है महान या बड़ा और द्वीप का अर्थ है ऐसा भूखंड जो चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ हो।
ऐसे कई महाद्वीप धरती पर पाए जाते हैं, इन महाद्वीपो की संख्या के बारे में बहुत मतभेद हैं। लेकिन मुख्य रुप से सात महाद्वीप माने जाते हैं।
ये महाद्वीप है एशिया, अफ्रिका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अंटार्टिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया।
एशिया धरती का सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसकी धरती उत्तर में उत्तरी ध्रुव महासागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है।
इस महाद्वीप की खास बात यह है कि दुनिया के लगभग सभी धर्मों — हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, यहूदी, ताओ, जैन आदि ने एशिया की धरती पर ही जन्म लिया है।
एशिया हिब्रू भाषा के आंसू शब्द से है जिसका शाब्दिक अर्थ उदित सूर्य से है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि दुनिया में सबसे पहले सूर्य एशिया में ही उदय होता है इसके बाद ही पूरा विश्व इसकी रोशनी से प्रकाशित होता है।
एशिया महाद्वीप में कुल पचास देश हैं। इन सभी धर्मों की खासबात यह है कि यहां हर धर्म के सभी लोग रहते हैं और अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं। जो कि एशिया को एक विशेष महाद्वीप बनाती है।


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जय श्री राम

 

जय गौ माताएक चलता फिरता मंदिर है गाय :By वनिता कासनियां पंजाब,गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। गर्व से कहो गाय हमारी माता है,और हम उसके अटूट सहारा हैं,हम उसके अटूट सहारा हैं ||वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब!तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!!जय गौ माता दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए,तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!!गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ,कितने बे-नाम, नाम कमा गए!!दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए,ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!!देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले,तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!!जय गौ माता बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए,गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!!मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये,माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!!ग्वाला दूध दुह चुका थाऔर अब थन को,बूंद- बूंद निचोड़ रहा था.उधर खूंटे से बंधा बछड़ाभूख से बिलबिला रहा था.जय गौ माताBy वनिता कासनियां पंजाब🙏🙏🐃🐂🐄

जय गौ माता एक चलता फिरता मंदिर है गाय : By वनिता कासनियां पंजाब, गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।  गर्व से कहो गाय हमारी माता है, और हम उसके अटूट सहारा हैं, हम उसके अटूट सहारा हैं || वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब! तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!! जय गौ माता  दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए, तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!! गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ, कितने बे-नाम, नाम कमा गए!! दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए, ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!! देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले, तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!! जय गौ माता  बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए, गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!! मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये, माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!! ग्वाला दूध दुह चुका था और अब थन को, बूंद- बूंद निचोड़ रहा था. उधर

1977 में डीज़ल का का रेट लगभग 1रु 50 पैसे था जोकि गेंहू का लगभग 3 रुपये किलो था । 📌🔜1 किलो गेंहू में 2 लीटर डीज़ल आराम से आ जाता था । और आज 104 रुपये लीटर डीजल है और गेंहू 16 से 18 रुपये किलो हैं यानी कि किसान आज 6 किलो गेंहू देकर 1 लीटर डीजल ला सकते हैं 🔜बोलो किसान का भला कैसे हो सकता हैं ?? 👍किसान की आय दुगुनी कैसे होगी ❓ ⭕किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं इसलिए फसल की कीमत कम ⭕किसान_पुत्र #किसान को कब मिलेगा लाभकारी मूल्य #भारत का संविधान-भाग- 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -39, राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व- राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से- (ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियन्त्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोच्च रूप से साधन हो ; (ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो ; #भारत का संविधान-भाग 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -48,कृषि और पशुपालन का संगठन- राज्य,कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों में संगठित करेगा और #विशिष्टतया गायों और बछडों तथा अन्य #दुधारू और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के लिए और उनके वध का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठायेगा । By वनिता कासनियां पंजाब [{#भारत का संविधान, #अनुच्छेद-48 (राज्य)} को निर्देश देता है कि वह #कृषि को वैज्ञानिक प्रणालियों पर संगठित करेगा]

 1977 में डीज़ल का का रेट लगभग 1रु 50 पैसे था जोकि गेंहू का लगभग 3 रुपये किलो था ।  📌🔜1 किलो गेंहू में 2 लीटर डीज़ल आराम से आ जाता था । और आज 104 रुपये लीटर डीजल है और गेंहू 16 से 18 रुपये किलो हैं यानी कि किसान आज 6 किलो गेंहू देकर 1 लीटर डीजल ला सकते हैं 🔜बोलो किसान का भला कैसे हो सकता हैं ??  👍किसान की आय दुगुनी कैसे होगी ❓  ⭕किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं इसलिए फसल की कीमत कम  ⭕किसान_पुत्र   #किसान को कब मिलेगा लाभकारी मूल्य #भारत का संविधान-भाग- 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -39, राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व- राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से- (ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियन्त्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोच्च रूप से साधन हो ; (ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो ;    #भारत का संविधान-भाग 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व)   #अनुच्छेद -48,कृषि और पशुपालन का संगठन- राज्य,कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालिय