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सुंदरकांड का पाठ किस तरीके से करना चाहिए By वनिता कासनियां पंजाब ? जय श्री राम।आपने सुंदरकांड पाठ के बारे में पूछा शायद मैं उसका जवाब दे पाऊंगी क्योंकि मैं सुंदरकांड का पाठ प्रतिदिन करती हूं। सुंदरकांड तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस का एक कांड है जिसमें हनुमान जी की महिमा का वर्णन है।सुंदरकांड का पाठ पढ़ने से हमें बहुत ही अधिक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है और हमें हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है हमारे शरीर में हमें फुर्ती महसूस होती है और हम बहुत हद तक हमारी बीमारियों को ठीक हुआ महसूस करते हैं यह एक बहुत ही बढ़िया पाठ है।सुंदरकांड के पाठ में 60 दोहे हैं इसे पढ़ने में हमें कम से कम 1 घंटे का समय लगता है अगर हम इसे ध्यान से पढ़ें तो हमें हनुमान जी ने जो जो कार्य राम जी के लिए किए थे उसके बारे में हमें पता चल जाता है। हम इसे नित्य पढ़ सकते हैं और अगर हम चाहे तो इसे सप्ताह में एक बार मंगलवार या शनिवार के दिन भी पढ़ सकते हैं क्योंकि मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के दिन होते हैं तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ पढ़ने का बहुत अधिक महत्व है।इसे पढ़ने के लिए हमें ज्यादा कुछ नहीं करना है बस हमें हनुमान जी की तस्वीर के सामने एक तांबे के कलश में पानी रखना है और हनुमान जी के लिए कुछ भी प्रसाद चाहे गुड़ का टुकड़ा भी क्यों ना हो रखना है फिर हमें अगर हमारे पास फूल हो तो हनुमान जी के तस्वीर के पास फूल चढ़ा देना चाहिए और एक दीया लगाकर हमें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए सुंदरकांड के पाठ को हमें अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए जब तक हो सके इसे पूरा पढ़ना चाहिए और सुंदरकांड के पाठ के अंत में हमें हनुमान चालीसा पढ़ कर प्रभु को ध्यान में रखकर अगर हमारी कुछ भी मन में इच्छा हो तो आप उन्हें कह सकते हैं। अब हम वह हनुमान जी की तस्वीर के पास रखा हुआ जल ग्रहण कर लेना है यह जल अमृत के समान हो जाता है इस पानी को पीने से हमारे शरीर में बहुत ही उर्जा का अनुभव होता है और हमारे शरीर एक कष्टों का निवारण होता है।हम जिस तरीके से सुंदरकांड का पाठ करते हैं उस तरीके को आपसे साझा कर दिया है अगर इसमें कुछ भी त्रुटि हो तो आप सभी से माफी चाहते हैं और अगर आपको इससे संबंधित कुछ भी पुछना हो तो आप हमसे बेहिचक पूछ सकते हैं।मैं प्रतिदिन यह वाली सुंदरकांड का पाठ करती हूं यह 45 मिनट में संपूर्ण हो जाती है जय श्री राम 🙏🚩

सुंदरकांड का पाठ किस तरीके से करना चाहिए

By वनिता कासनियां पंजाब ?

जय श्री राम।
आपने सुंदरकांड पाठ के बारे में पूछा शायद मैं उसका जवाब दे पाऊंगी क्योंकि मैं सुंदरकांड का पाठ प्रतिदिन करती हूं। सुंदरकांड तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस का एक कांड है जिसमें हनुमान जी की महिमा का वर्णन है।

सुंदरकांड का पाठ पढ़ने से हमें बहुत ही अधिक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है और हमें हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है हमारे शरीर में हमें फुर्ती महसूस होती है और हम बहुत हद तक हमारी बीमारियों को ठीक हुआ महसूस करते हैं यह एक बहुत ही बढ़िया पाठ है।

सुंदरकांड के पाठ में 60 दोहे हैं इसे पढ़ने में हमें कम से कम 1 घंटे का समय लगता है अगर हम इसे ध्यान से पढ़ें तो हमें हनुमान जी ने जो जो कार्य राम जी के लिए किए थे उसके बारे में हमें पता चल जाता है। हम इसे नित्य पढ़ सकते हैं और अगर हम चाहे तो इसे सप्ताह में एक बार मंगलवार या शनिवार के दिन भी पढ़ सकते हैं क्योंकि मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के दिन होते हैं तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ पढ़ने का बहुत अधिक महत्व है।

इसे पढ़ने के लिए हमें ज्यादा कुछ नहीं करना है बस हमें हनुमान जी की तस्वीर के सामने एक तांबे के कलश में पानी रखना है और हनुमान जी के लिए कुछ भी प्रसाद चाहे गुड़ का टुकड़ा भी क्यों ना हो रखना है फिर हमें अगर हमारे पास फूल हो तो हनुमान जी के तस्वीर के पास फूल चढ़ा देना चाहिए और एक दीया लगाकर हमें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए सुंदरकांड के पाठ को हमें अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए जब तक हो सके इसे पूरा पढ़ना चाहिए और सुंदरकांड के पाठ के अंत में हमें हनुमान चालीसा पढ़ कर प्रभु को ध्यान में रखकर अगर हमारी कुछ भी मन में इच्छा हो तो आप उन्हें कह सकते हैं। अब हम वह हनुमान जी की तस्वीर के पास रखा हुआ जल ग्रहण कर लेना है यह जल अमृत के समान हो जाता है इस पानी को पीने से हमारे शरीर में बहुत ही उर्जा का अनुभव होता है और हमारे शरीर एक कष्टों का निवारण होता है।

हम जिस तरीके से सुंदरकांड का पाठ करते हैं उस तरीके को आपसे साझा कर दिया है अगर इसमें कुछ भी त्रुटि हो तो आप सभी से माफी चाहते हैं और अगर आपको इससे संबंधित कुछ भी पुछना हो तो आप हमसे बेहिचक पूछ सकते हैं।


मैं प्रतिदिन यह वाली सुंदरकांड का पाठ करती हूं यह 45 मिनट में संपूर्ण हो जाती है जय श्री राम 🙏🚩

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जय श्री राम

 

जय गौ माताएक चलता फिरता मंदिर है गाय :By वनिता कासनियां पंजाब,गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। गर्व से कहो गाय हमारी माता है,और हम उसके अटूट सहारा हैं,हम उसके अटूट सहारा हैं ||वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब!तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!!जय गौ माता दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए,तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!!गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ,कितने बे-नाम, नाम कमा गए!!दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए,ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!!देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले,तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!!जय गौ माता बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए,गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!!मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये,माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!!ग्वाला दूध दुह चुका थाऔर अब थन को,बूंद- बूंद निचोड़ रहा था.उधर खूंटे से बंधा बछड़ाभूख से बिलबिला रहा था.जय गौ माताBy वनिता कासनियां पंजाब🙏🙏🐃🐂🐄

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