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स्वास्थ्य घरेलू नुस्खेसहजन की पत्तियों का जूस कैसे बनाएं और इसे कितनी मात्रा में लेनी चाहिए ? By वनिता कासनियां पंजाबसहजन जिसे मुनगा, सुरजना या मोरिंगा (मराठी - शेवगा) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अत्यधिक लाभदायक वनस्पति है, जिसे आधुनिक वैज्ञानिकों ने सुपरफूड का दर्जा दिया है। शायद ही कोई विटामिन, खनिज तत्व या शरीर के लिये आवश्यक अन्य कोई पदार्थ ऐसा है जो इसमे न हो। इसके पत्तों मे सबसे अधिक लाभकारी तत्व होते हैं, अतःरोज प्रातः इसके पत्तों का ताज़ा रस बनाकर खाली पेट या नाश्ते के तुरंत बाद सेवन करना बहुत ही लाभदायक है।यहां मै आपको इसका रस बनाने की आसान विधि बता रहा हूं।मात्रा एक व्यक्ति के लिए :- सहजन के दो पूरे पत्ते ले कर उसमें से सभी छोटी पत्तियों को अलग कर लें। अब इनको संभव हो तो सिल पर पीस लें, या मिक्सी के छोटे चटनी जार मे आधा कप (या अधिक) पानी के साथ यथासंभव बारीक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट मे और पानी मिला कर इसे 1/2 ग्लास तक बढा लें व चाय की छन्नी से भलीभांति छान लें।आपका स्वास्थवर्धक "मोरिंगा ज्यूस" तैयार है। आप इसमे एक या दो चम्मच शहद मिला कर भी सेवन कर सकते हैं। चित्र गूगल से साभार।health home remediesHow to make juice of drumstick leaves and in what quantity should it be taken? By Vnita Kasnia Punjab Drumstick also known as Munga, Surjana or Moringa (Marathi - Shevga).


सहजन जिसे मुनगा, सुरजना या मोरिंगा (मराठी - शेवगा) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अत्यधिक लाभदायक वनस्पति है, जिसे आधुनिक वैज्ञानिकों ने सुपरफूड का दर्जा दिया है। शायद ही कोई विटामिन, खनिज तत्व या शरीर के लिये आवश्यक अन्य कोई पदार्थ ऐसा है जो इसमे न हो। इसके पत्तों मे सबसे अधिक लाभकारी तत्व होते हैं, अतःरोज प्रातः इसके पत्तों का ताज़ा रस बनाकर खाली पेट या नाश्ते के तुरंत बाद सेवन करना बहुत ही लाभदायक है।

यहां मै आपको इसका रस बनाने की आसान विधि बता रहा हूं।

मात्रा एक व्यक्ति के लिए :- सहजन के दो पूरे पत्ते ले कर उसमें से सभी छोटी पत्तियों को अलग कर लें। अब इनको संभव हो तो सिल पर पीस लें, या मिक्सी के छोटे चटनी जार मे आधा कप (या अधिक) पानी के साथ यथासंभव बारीक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट मे और पानी मिला कर इसे 1/2 ग्लास तक बढा लें व चाय की छन्नी से भलीभांति छान लें।

आपका स्वास्थवर्धक "मोरिंगा ज्यूस" तैयार है। आप इसमे एक या दो चम्मच शहद मिला कर भी सेवन कर सकते हैं।

 चित्र गूगल से साभार।


health home remediesHow to make juice of drumstick leaves and in what quantity should it be taken? By Vnita Kasnia Punjab Drumstick also known as Munga, Surjana or Moringa (Marathi - Shevga).

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जय श्री राम

 

जय गौ माताएक चलता फिरता मंदिर है गाय :By वनिता कासनियां पंजाब,गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। गर्व से कहो गाय हमारी माता है,और हम उसके अटूट सहारा हैं,हम उसके अटूट सहारा हैं ||वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब!तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!!जय गौ माता दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए,तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!!गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ,कितने बे-नाम, नाम कमा गए!!दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए,ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!!देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले,तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!!जय गौ माता बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए,गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!!मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये,माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!!ग्वाला दूध दुह चुका थाऔर अब थन को,बूंद- बूंद निचोड़ रहा था.उधर खूंटे से बंधा बछड़ाभूख से बिलबिला रहा था.जय गौ माताBy वनिता कासनियां पंजाब🙏🙏🐃🐂🐄

जय गौ माता एक चलता फिरता मंदिर है गाय : By वनिता कासनियां पंजाब, गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।  गर्व से कहो गाय हमारी माता है, और हम उसके अटूट सहारा हैं, हम उसके अटूट सहारा हैं || वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब! तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!! जय गौ माता  दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए, तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!! गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ, कितने बे-नाम, नाम कमा गए!! दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए, ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!! देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले, तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!! जय गौ माता  बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए, गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!! मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये, माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!! ग्वाला दूध दुह चुका था और अब थन को, बूंद- बूंद निचोड़ रहा था. उधर

1977 में डीज़ल का का रेट लगभग 1रु 50 पैसे था जोकि गेंहू का लगभग 3 रुपये किलो था । 📌🔜1 किलो गेंहू में 2 लीटर डीज़ल आराम से आ जाता था । और आज 104 रुपये लीटर डीजल है और गेंहू 16 से 18 रुपये किलो हैं यानी कि किसान आज 6 किलो गेंहू देकर 1 लीटर डीजल ला सकते हैं 🔜बोलो किसान का भला कैसे हो सकता हैं ?? 👍किसान की आय दुगुनी कैसे होगी ❓ ⭕किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं इसलिए फसल की कीमत कम ⭕किसान_पुत्र #किसान को कब मिलेगा लाभकारी मूल्य #भारत का संविधान-भाग- 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -39, राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व- राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से- (ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियन्त्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोच्च रूप से साधन हो ; (ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो ; #भारत का संविधान-भाग 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -48,कृषि और पशुपालन का संगठन- राज्य,कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों में संगठित करेगा और #विशिष्टतया गायों और बछडों तथा अन्य #दुधारू और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के लिए और उनके वध का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठायेगा । By वनिता कासनियां पंजाब [{#भारत का संविधान, #अनुच्छेद-48 (राज्य)} को निर्देश देता है कि वह #कृषि को वैज्ञानिक प्रणालियों पर संगठित करेगा]

 1977 में डीज़ल का का रेट लगभग 1रु 50 पैसे था जोकि गेंहू का लगभग 3 रुपये किलो था ।  📌🔜1 किलो गेंहू में 2 लीटर डीज़ल आराम से आ जाता था । और आज 104 रुपये लीटर डीजल है और गेंहू 16 से 18 रुपये किलो हैं यानी कि किसान आज 6 किलो गेंहू देकर 1 लीटर डीजल ला सकते हैं 🔜बोलो किसान का भला कैसे हो सकता हैं ??  👍किसान की आय दुगुनी कैसे होगी ❓  ⭕किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं इसलिए फसल की कीमत कम  ⭕किसान_पुत्र   #किसान को कब मिलेगा लाभकारी मूल्य #भारत का संविधान-भाग- 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व) #अनुच्छेद -39, राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व- राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से- (ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियन्त्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोच्च रूप से साधन हो ; (ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो ;    #भारत का संविधान-भाग 4(राज्य की नीति के निदेशक तत्व)   #अनुच्छेद -48,कृषि और पशुपालन का संगठन- राज्य,कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालिय